आप अपना Social Media Feed स्क्रॉल कर रहे हैं और देखते हैं कि, आपके एक दोस्त ने एक नई Cryptocurrency में किए गए Investment से “10X Return” का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है।
दूसरे ग्रुप में, कोई एक ऐसे “Multi-bagger” stocks की चर्चा कर रहा है, जो पिछले हफ़्ते 30% बढ़ गया। हर तरफ़ से ऐसी ख़बरें सुनकर आपके अंदर एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है। आपको लगता है कि पूरी दुनिया पैसा बना रही है और आप अकेले ही पीछे रह गए हैं।
यह बेचैनी, यह चूक जाने का डर, ही FOMO (Fear of Missing Out) है।
यह investor psychology की दुनिया में एक अत्यंत शक्तिशाली मानसिक स्थिति है, जो हमसे impulsive और बिना सोचे-समझे फ़ैसले करवाती है।
लालच (Greed) हमें “और ज़्यादा” पाने के लिए motivate करता है, लेकिन FOMO हमें इस डर से motivate करता है कि “कहीं मैं मौक़ा गंवा न दूँ“।
आइये विस्तार से जानते है की FOMO इतना शक्तिशाली क्यों होता है और बचाव के उपाय क्या है।
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FOMO इतना शक्तिशाली क्यों है?

FOMO के पीछे हमारी गहरी mental social ज़रूरतें हैं, जो हज़ारों सालों से हमारे DNA का हिस्सा हैं।
- Social pain, Real Pain है: psychology में, भीड़ से अलग रह जाने के डर को “Social Pain” कहते हैं। Neuroscientists ने पाया है कि यह Social Pain हमारे दिमाग के उन्हीं हिस्सों को एक्टिवेट करता है, जो शारीरिक चोट (physical injury) के समय करते हैं। इसलिए, जब हम दूसरों को एक “प्रॉफिट पार्टी (profit party)” में शामिल देखते हैं और हम उसका हिस्सा नहीं होते, तो हमें सचमुच का mental pain होता है।
- दूसरों से तुलना (Relative Deprivation): हम अपनी ख़ुशी या सफलता का मूल्यांकन अक्सर दूसरों से तुलना करके करते हैं। यदि आपने अपने investment पर 15% का रिटर्न कमाया है, तो आप ख़ुश हो सकते हैं। लेकिन जैसे ही आपको पता चलता है कि आपके पड़ोसी ने 50% का रिटर्न कमाया है, तो आपका 15% का रिटर्न आपको कम लगने लगता है।
- सोशल मीडिया का प्रभाव (The Influence of Social Media): आज के डिजिटल युग में, Social Media FOMO के लिए आग में घी का काम करता है। लोग अपनी सफलताओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते हैं, लेकिन अपनी असफलताओं को छिपा लेते हैं। आपको सिर्फ़ “10X Returns” के स्क्रीनशॉट्स दिखते हैं, उन 10 दूसरे investments के बारे में कोई नहीं बताता जहाँ नुकसान हुआ हो। यह one-sided तस्वीर एक ग़लत सच्चाई का निर्माण करती है।
FOMO कैसे ख़राब investments के फ़ैसले करवाता है?
FOMO के प्रभाव में, investors ऐसी ग़लतियाँ करते हैं जो सीधे तौर पर उनके Portfolio को नुकसान पहुँचाती हैं:
- अपनी Strategy छोड़ देना: FOMO के कारण, आप अपने disciplined, long-term plan को छोड़कर उन “Hot Stocks” या “Trending Assets” के पीछे भागने लगते हैं, जिनके बारे में आप कुछ नहीं जानते।
- Due Diligence को नज़रअंदाज़ करना: FOMO आपको तुरंत एक्शन लेने पर मज़बूर करता है। इस चक्कर में, आप ज़रूरी रिसर्च (जैसे कंपनी का business model, debt या Valuation) को पूरी तरह से Skip कर देते हैं।
- Peak पर ख़रीदना (Buying at the Peak): FOMO हमेशा तब चरम पर होता है जब किसी Asset की क़ीमत अपने peak के आस-पास होती है। FOMO से प्रेरित investors अक्सर Cycle के Top पर एंट्री करते हैं और जैसे ही Market Correction शुरू होता है, वे सबसे ज़्यादा नुकसान उठाते हैं।
FOMO और एक Genuine Opportunity में फ़र्क़ कैसे करें?

हर तेज़ी FOMO नहीं होती। एक Genuine Opportunity और एक FOMO-driven Bubble के बीच फ़र्क़ करने के लिए ख़ुद से ये सवाल पूछें:
- ‘क्यों’ पर फोकस करें (Focus on ‘Why’): क्या इस तेज़ी के पीछे कोई मज़बूत कारण है (जैसे बढ़ता profits या new product)? या इसका कारण सिर्फ़ “बढ़ती हुई क़ीमत” ही है?
- Valuation चेक करें: क्या कंपनी की क़ीमत उसकी earnings के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा है? एक अच्छी कंपनी भी एक ख़राब इन्वेस्टमेंट हो सकती है यदि उसे बहुत ज़्यादा क़ीमत पर ख़रीदा जाए।
- Narrative को परखे: FOMO अक्सर एक आकर्षक narrative के आस-पास बनता है – जैसे “यह कंपनी अगली Tesla बनेगी“। जब कहानी Facts से ज़्यादा बड़ी हो जाए, तो सावधान हो जाना चाहिए।
FOMO पर काबू पाने के Practical तरीक़े
FOMO पर विजय पाना आपके mental discipline का प्रतीक है।
- अपनी ‘Anti-FOMO’ लिस्ट बनाएं: उन सभी Assets की एक लिस्ट बनाएं, जिनमें आपने FOMO के कारण invest किया और आपको नुकसान हुआ। जब भी आपको दोबारा FOMO महसूस हो, तो इस लिस्ट को देखें।
- अपना Social Media Exposure सीमित करें: अगर आपको लगता है कि Social Media आपके फ़ैसलों पर हावी हो रहा है, तो उससे थोड़ी दूरी बनाएं। “Hot Tips” देने वाले एकाउंट्स को Unfollow करें।
- अपने प्लान का जश्न मनाएं: अपने Financial Plan पर आगे बढ़ने के लिए ख़ुद को Encourage करें। Investing एक personal journey है, कोई competition नहीं।
Conclusion
यह समझना ज़रूरी है कि आप हर अच्छे Investment का हिस्सा नहीं बन सकते।
हमेशा कोई न कोई आपसे ज़्यादा पैसा बना रहा होगा। इस सच्चाई को स्वीकार करना ही FOMO का सबसे बड़ा इलाज है।
Investment की दुनिया में एक शांत और disciplined investor हमेशा एक बेचैन और FOMO – driven Trader से बेहतर Perform करता है।
जब आप दूसरों की सफलता से जलने के बजाय अपनी progress पर focus करते हैं, तभी आप FOMO के mental trap से आज़ाद हो पाते हैं।
People also ask :
FOMO का मतलब है “Fear of Missing Out” यानी मौक़ा चूक जाने का डर। Investment में इसका मतलब है दूसरों को पैसा बनाता देख, बिना सोचे-समझे उसी stock या Crypto में पैसा लगा देना ताकि आप पीछे न रह जाएं।
Social media पर दूसरों के प्रॉफ़िट स्क्रीनशॉट देखकर और दोस्तों की सफलता की कहानियाँ सुनकर investors FOMO का शिकार होते हैं। उन्हें लगता है कि सब कमा रहे हैं और वे पीछे रह गए हैं, जिससे वे जल्दबाज़ी में ग़लत फ़ैसले लेते हैं।
इसका सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि आप हमेशा किसी stock या Asset को उसकी बढ़ी हुई Peak पर ख़रीदते हैं। आप बिना रिसर्च के, सिर्फ़ ट्रेंड के पीछे भागते हैं, जिससे भारी नुकसान होने का ख़तरा बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है।
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीक़ा है कि आप अपना ख़ुद का Financial Plan बनाएं और उस पर टिके रहें। दूसरों की रेस में शामिल होने के बजाय, अपने Goals पर फ़ोकस करें और किसी भी “Hot Tip” पर तुरंत एक्शन लेने से बचें।