जब आप यंग ऐज(Young Age) में हों और आपके पास बहुत सारे खर्चे हों तो, भविष्य के लिए योजना बनाना मुश्किल है।
लेकिन, अगर आप अभी पैसे बचाना शुरू नहीं करते हैं, तो आपको बड़े होने पर और जल्दी रिटायर होने पर अधिक मेहनत करनी होगी।
यदि आप रिटायरमेंट(Retirement) के समय में मन की शांति(Peace of Mind) चाहते हैं, तो आपके के लिए पीपीएफ और फिक्स्ड डिपाजिट(Fixed Deposit) या एफडी(PPF and FD) बेहतरीन इन्वेस्टमेंट ऑप्शन (Investment Option) हो सकते हैं।
ये दोनो फाइनेंसियल प्रोडक्ट(Financial Products) लोगों को भविष्य के लिए पैसे बचाने में आसानी से मदद कर सकते हैं।
इन दोनों योजनाओं में से किसी एक को चुनने से पहले पीपीएफ और एफडी(PPF and FD) के बीच के अंतर को समझना आवश्यक है।
इस के लिए यह आर्टिकल पीपीएफ और एफडी के बीच अंतर(Difference Between PPF and Fixed Deposit) आपकी मदद कर सकता है।
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पीपीएफ खाता क्या है? – What is a PPF Account?

पीपीएफ(PPF) या पब्लिक प्रोविडेंट फंड(Public Provident Fund), सरकार द्वारा स्पांसर लॉन्ग टर्म की फिक्स्ड इनकम सेविंग प्लान(Fixed-Income Savings Plan) है।
यह इनकम टैक्स बेनिफिट(Income Tax Advantages) के साथ-साथ फिक्स्ड रिटर्न(Assured Return) प्रदान करता है।
यह इनकम टैक्स एक्ट(Income Tax Act) की सेक्शन 80C के तहत उपलब्ध टैक्स सेविंग इंस्टूमेंटस में से एक है।
पीपीएफ अकाउंट(PPF Account) का टर्म 15 साल है और जब तक स्पेसिफिक कंडीशंस पूरी नहीं होती हैं, तब तक इसे जल्दी समाप्त नहीं किया जा सकता है।
हालांकि, पांच साल के बाद अकाउंट होल्डर(Account Holder) पीपीएफ फण्ड(PPF Fund) का एक हिस्सा लगभग 50% तक निकाल सकता है।
पीपीएफ की मुख्य विशेषताएं – Key Features of PPF :
पीपीएफ की मुख्य विशेषताएं निम्न है :-
- पब्लिक प्रोविडेंट फंड(Public Provident Fund), या पीपीएफ(PPF), सरकार द्वारा स्पांसर लॉन्ग टर्म सेविंग प्लान है।
- पीपीएफ(PPF) में प्रति वर्ष 150,000 रुपये तक जमा कर सकते हैं और सेक्शन 80C में टैक्स रिबेट का लाभ उठा सकते हैं।
- पीपीएफ में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है, हालांकि कुछ निश्चित वर्षों के बाद आंशिक निकासी या पार्शियल विथड्रावल(Partial Withdrawal) कर सकते हैं।
- टोटल इन्वेस्टमेंट(Total Investment), प्राप्त इंटरेस्ट(Earned Interest) और मैचोरिटी(Maturity) सभी टैक्स फ्री(Tax-Free) हैं।
- पोस्ट ऑफिस(Post Office), राष्ट्रीयकृत बैंक- नॅशनलाइज बैंक(Nationalised Banks) और प्राइवेट बैंक (Private Banks) पीपीएफ अकाउंट(PPF Account) खोलने की सर्विसेज प्रदान करते हैं।
- एनआरआई (NRI) पीपीएफ अकाउंट(PPF Account) नहीं खोल सकते हैं।
फिक्स्ड डिपाजिट या एफडी अकाउंट क्या है? – What is a Fixed Deposit Account or FD?

फिक्स्ड डिपाजिट या FD कन्वेंशनल या पारंपरिक सेविंग एकाउंट्स की तुलना में काफी अधिक इंटेरेट रेट के साथ सबसे सरल फाइनेंसियल प्रोडक्ट्स में से एक है।
इंटरेस्ट एक पूर्व निर्धारित पीरियड के लिए जमा किए गए फंड पर बनता है और इंटरेस्ट प्रोवाइडर (Interest Provider) द्वारा तय किया जाता है।
सीनियर्स सिटीजन (Senior Citizens) को FD पर हाई इंटरेस्ट रेट मिलता है।
इमरजेंसी की स्थिति में FD को तुरंत समाप्त कर तत्काल कॅश (Cash) प्राप्त किया जा सकता हैं।
फिक्स्ड डिपाजिट की मुख्य विशेषताएं – Key Features of Fixed Deposits :-
फिक्स्ड डिपाजिट(FD) की मुख्य विशेषताएं निम्न है :-
- यह एक सेफ(Safe) और सिक्योर(Secure) इन्वेस्टमेंट(Investment) है।
- फिक्स्ड डिपाजिट गारंटीड रिटर्न प्रदान करते हैं और इनिशियल इन्वेस्टमेंट को खोने का कोई डर नहीं होता हैं।
- फिक्स्ड डिपाजिट के साथ इंटरेस्ट प्राप्त करते हैं।
- अन्य इन्वेस्टमेंट योजनाओं की तुलना में फिक्स्ड डिपाजिट का रिटर्न अपेक्षाकृत स्टेबल होता है।
- टैक्स लॉ (Tax Law) के अनुसार फिक्स्ड डिपाजिट में 40,000 से अधिक के सभी इंटरेस्ट गेन(Interest Gain) पर टैक्स लगाता है। लेकिन इंटरेस्ट पर टैक्स डिडक्शन(Tax Deduction) का क्लेम कर सकते हैं।
- फिक्स्ड डिपाजिट पर लोन(Loan) लिया जा सकता हैं।
पीपीएफ और एफडी के बीच अंतर – Differences Between PPF and FD :-
एफडी और पीपीएफ(PPF and FD) में इन्वेस्टमेंट निवेशकों के लिए काफी सुविधाजनक है। लेकिन उनके बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं। जो निम्न है :-
टॉपिक्स(Topics | फिक्स्ड डिपाजिट(Fixed Deposit) | पीपीएफ(PPF) |
इस्सूइंग अथॉरिटी (Issuing authority) | एनबीएफसी और बैंक (NBFCs and Banks) | भारत सरकार (Government of India) |
इन्वेस्टमेंट अमाउंट (Investment Amount) | कोई सीमा नहीं (No limit) | एक फाइनेंसियल ईयर के लिए 1,50,000 रुपये तक की सीमा है। |
टेन्योर (Tenure) | सात दिनों से लेकर दस साल तक | 15 साल का लॉक-इन पीरियड |
एलिजिबिलिटी (Eligibility) | सभी भारतीय नागरिक (All Indian citizens, including residents, non-residents) | भारतीय निवासी (Indian Residents) |
इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) | बैंक : 5% से 7% तक कंपनी : 10% से 13% तक | भारत सरकार पीपीएफ का रेट निर्धारित करती है, जो अब हर साल 7.1% है। |
लोन फैसिलिटी (Loan Facility) | FD पर लोन उपलब्ध है। | पीपीएफ में कम से कम तीन साल बाद ही लोन ले सकते है |
समय से पहले निकासी (Premature withdrawal) | कभी भी अपना पैसा निकाल सकते हैं। | लॉक-इन पीरियड 15 वर्ष का है। सात साल बाद पार्शियल विथड्रॉवल्स कर सकते है। |
टैक्स बेनिफिट्स (Tax benefits) | FD का इंटरेस्ट टैक्सेबल होता है। हालांकि, पांच साल की टैक्स सेविंग FD में कुछ टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं। | 1,50,000 रुपये तक टैक्स बेनिफिट्स उपलब्ध है। |
पीपीएफ और एफडी: कौन सा निवेश बेहतर है?-PPF and FD Which is a Better Investment?
यदि आप एकमुश्त अमाउंट इन्वेस्टमेंट करना चाहते है तो FD में इन्वेस्टमेंट सम्मानजनक रिटर्न देगा।
और यदि थोड़ा थोड़ा रेगुलर इन्वेस्टमेंट का आनंद लेना चाहते है, कम से कम रु. 500 और मैक्सिमम रु. 1,50,000 हर साल तो पीपीएफ एक आकर्षक विकल्प है।
सारांश
पीपीएफ और एफडी(PPF and FD) पर इस पूरे आर्टिकल द्वारा प्राप्त जानकारी से अपने भविष्य के बारे में एक अच्छा निर्णय लेने में आसानी होगी।
पीपीएफ अब तक की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, लेकिन इसमें कई खामियां हैं। इस कारण से यह FD को भी उतना ही अच्छा विकल्प बनाता है।
इसलिए, इन दो फाइनेंसियल इंस्टूमेंटस के बीच चयन करते समय, आपको अपने ऑप्शन को तौलना चाहिए और देखना चाहिए कि कौन सा आपको सबसे अच्छा लगता है?
People also ask :
1. सबसे प्रसिद्ध लॉन्ग टर्म सेविंग प्लानस में से एक है।
2. पीपीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट छोटे डिपाजिट को प्रोत्साहित करती है।
3. पीपीएफ सरकार द्वारा स्पोंसर सेविंग प्रोग्राम के रूप में उचित इंटरेस्ट रेट पर रिटर्न प्रदान करता है।
नए नियम के अनुसार, यदि कोई FD मैच्योर होती है और फण्ड का भुगतान नहीं हुआ है, तो क्लेम न की गई फण्ड पर कम इंटरेस्ट रेट से इंटरेस्ट मिलेगा।
पीपीएफ अकाउंट में इंटरेस्ट रेट 7.1% है। इंटरेस्ट रेट भारत सरकार निर्धारित करती है।
* पीपीएफ(PPF) में लिक्विडिटी कम होती है। सात साल बाद आंशिक रूप पैसा निकाल सकते हैं।
* एसआईपी(SIP) रिस्की होता है क्योंकि इक्विटी मार्किट का परफॉरमेंस प्रभावित करता है।
* पीपीएफ(PPF) गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है, जिससे यह एक सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन जाता है।
पीपीएफ एक जनधन योजना है जो एक लम्बे समय के लिए इन्वेस्टमेंट है, वहीँ एफडी एक फिक्स्ड समय के लिए इन्वेस्टमेंट होता है।
पीपीएफ, इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स(Individual Investors) के इन्वेस्टमेंट के लिए एक सुरक्षित और प्रॉफिटेबल गवर्नमेंट फण्ड(Government Fund) है।
एफडी में एक रेगुलर फण्ड को एक निश्चित समय और फिक्स्ड(Fixed) इंटरेस्ट रेट(Interest Rate) के लिए इन्वेस्टमेंट किया जाता है।
आपको अपने नजदीकी बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर पीपीएफ अकाउंट खोलने के लिए अप्लाई करना होता है।
इन्वेस्टमेंट पीरियड, इंटरेस्ट रेट और इन्वेस्टर की आवश्यकताओं के आधार पर एफडी विभिन्न प्रकार की होती है, जैसे कि रेगुलर एफडी(Regular FDs), टैक्स सेविंग एफडी(Tax saving FDs) आदि।
पीपीएफ में मिनिमम अमाउंट सालाना 500 रुपये और मैक्सिमम अमाउंट सालाना 1,50,000 रुपये इन्वेस्ट किया जा सकता है।
एफडी में मिनिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है और मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट की कोई लिमिटेशन नहीं है।
पीपीएफ में इंटरेस्ट रेट एफडी की तुलना में अधिक होता है। इस लिए पीपीएफ लम्बे समय अधिक फायदेमंद होता है लेकिन काम समय के इन्वेस्टमेंट के लिए एफडी बेहतर है।
हां, दोनों पीपीएफ और एफडी सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हो सकते हैं अगर उनके नियमों और शर्तों का पालन करते हैं।
पीपीएफ अकाउंट 15 वर्षों के लिए होता है और यह रेगुलर इंटरवल में इन्वेस्टर को इंटरेस्ट देता है। इंटरेस्ट रेट में समय समय पर मामूली बदलाव हो सकता है।
एफडी का इन्वेस्टमेंट पीरियड बैंक के नियमों के आधार पर निर्धारित होती है, जिसमें कुछ महीनों से लेकर कुछ वर्षों तक की हो सकती है।
पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट फिक्स्ड रेट पर किया जाता है, जो इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान ब्याज के रूप में मिलता रहता है।
एफडी की इंटरेस्ट रेट बैंक द्वारा निर्धारित होती है और यह समय समय पर बदल सकती है।
पीपीएफ इन्वेस्ट पर इन्वेस्टर को इनकम टैक्स छूट मिलती है जैसे कि आयकर अधिनियम 1961 के तहत, वही एफडी पर कोई इनकम टैक्स छूट नहीं होती है।
हां, आप पीपीएफ और एफडी को एक फुल टाइम इन्वेस्टमेंट समझ सकते हैं, लेकिन पीपीएफ की अवधि अधिक होती है जबकि एफडी की अवधि आपकी आवश्यकताओं के आधार पर निर्धारित होती है।
हां, कई बैंक और फाइनेंसियल इंस्टीटूशन ऑनलाइन पीपीएफ और एफडी अकाउंट ओपन करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
पीपीएफ और एफडी दोनों ही सरकार द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं।
पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट 15 वर्षों तक किया जाता है और तब यह पूर्ण होता है, जबकि एफडी के कम्पलीट होने का समय उसके एलिजिबिलिटी के आधार पर तय होती है।
पीपीएफ अकाउंट में इंटरेस्ट रेट नियमित तौर पर गवर्नमेंट द्वारा निर्धारित की जाती है और इसे सालाना अपडेट किया जाता है।
दोनों ही पीपीएफ और एफडी सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ऑप्शन होते हैं, लेकिन पीपीएफ में इन्वेस्टर्स को मिनिमम और मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट अमाउंट की रेस्ट्रिक्शन होती है
Regards for all your efforts that you have put in this. very interesting information.