Indian Flag की यात्रा बहुत लंबी और गौरवशाली रही है। इसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

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1904  भारत का पहला झंडा। यह मौजूदा National Flag से काफी अलग है। स्वामी विवेकानन्द की भक्त सिस्टर निवेदिता ने इस की कल्पना की थी।

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1906  यह तिरंगा विभाजन के खिलाफ विरोध में कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर पर फहराया गया था। इसमें खिले हुए आठ कमल हरी पट्टि पर, "वंदे मातरम" शब्द पीली पट्टि पर, अर्धचंद्र और सूर्य लाल पट्टी पर था।

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1907  जर्मनी में रहने वाले भारतीय क्रांतिकारियों के एक समूह, बर्लिन समिति ने एक नया भारतीय ध्वज डिजाइन किया था।

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1917  Home Rule movement के समय तिलक ने नए झंडे का सुझाव दिया। झंडा लाल और हरे रंग का था, जिसके ऊपरी बाएँ कोने में यूनियन जैक और इसके बीच में सात सितारे थे।

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1921  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने "तिरंगा" को अपना आधिकारिक ध्वज घोषित किया। जिसमें तीन रंग सफ़ेद, हरा और केसरिया और बीच में चरखा था।

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1931  भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने "तिरंगा" के लिए पारित संकल्प में कहा गया था कि केसरिया रंग साहस का, सफेद रंग शांति का और हरा रंग उर्वरता का प्रतीक है। बीच में चरखा स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक है।

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1947  15 अगस्त 1947 को, भारत की स्वतंत्रता के दिन, "तिरंगा" को पहली बार लाल किले पर फहराया गया था।

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1947 22 जुलाई 1947 को, "तिरंगा" को आधिकारिक रूप से भारत का राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था।

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1950  26 जनवरी 1950 को, भारत गणतंत्र बना और "तिरंगा" भारत का राष्ट्रीय ध्वज बना रहा।

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आज  "तिरंगा" भारत का राष्ट्रीय गौरव है। यह हमारे देश की संस्कृति, मूल्यों और आदर्शों का प्रतिनिधित्व करता है।

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