क्या आपने कभी सोचा है कि शॉपिंग के दौरान एक “discount” देखकर हमें कोई चीज़ इतनी अच्छी डील क्यों लगने लगती है? या फिर किसी शेयर की पुरानी कीमत देखकर हमें लगता है कि यह “सस्ता” मिल रहा है?
इसके पीछे हमारे दिमाग का एक पावरफुल शॉर्टकट काम करता है, जिसे Behavioral Finance में Anchoring Bias कहा जाता है।
आइए, इसे एक example से समझते हैं:
आप एक दुकान में जाते हैं, जहाँ एक जैकेट पर ₹20,000 का Price Tag लगा है। आपको यह बहुत महँगी लगती है। अगले दिन, वही दुकान उस जैकेट पर “50% Off” का बोर्ड लगा देती है। अब वह जैकेट ₹10,000 की है। अचानक, आपको यह एक शानदार डील लगने लगती है, भले ही उस जैकेट की असली कीमत ₹10,000 से भी कम हो।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आपके दिमाग ने ₹20,000 की पहली जानकारी को एक “एंकर” (Anchor) बना लिया था और अब आप हर फैसला उसी के Context में ले रहे हैं।
Investor Psychology में यह Anchoring Bias एक बहुत ही आम और नुकसानदायक mental mistake है।
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Anchoring Bias क्या है? – What is Anchoring Bias?

Anchoring Bias एक ऐसी mental tendency है, जिसमें हम किसी भी फैसले के लिए हमें मिलने वाली सबसे पहली जानकारी (the first piece of information) पर ज़रूरत से ज़्यादा निर्भर हो जाते हैं।
यह पहली information हमारे दिमाग के लिए एक “anchor” या लंगर का काम करती है।
इसके बाद मिलने वाली किसी भी नई information को हम इसी anchor के आधार पर परखते हैं। भले ही वह शुरुआती anchor पूरी तरह से गलत या बेमतलब हो, उसका असर हमारी सोच पर बना रहता है।
यह हमारे दिमाग का एक mental shortcut है जो uncertainty को कम करने में मदद करता है, लेकिन अक्सर गलत decisions का कारण बनता है।
Investing में Anchoring Bias के Examples
Stock Market में ऐसे कई anchor होते हैं, जो हमारे decisions को अनजाने में प्रभावित करते हैं:
- Purchase Price: यह सबसे आम anchor है। यदि आपने एक स्टॉक ₹1000 में खरीदा है और वह गिरकर ₹600 पर आ जाता है, तो आपका दिमाग ₹1000 पर anchor हो जाता है। आप उसे बेचने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि आपको लगता है कि आपको अपना “Cost” वापस चाहिए, भले ही उस कंपनी के Fundamentals अब पूरी तरह बदल चुके हों।
- 52-Week High: एक stock जो अपने 52-week के High से काफी नीचे trade कर रहा हो, वह हमें “सस्ता” या एक “Bargain” लग सकता है। हम उसके High Price पर anchor हो जाते हैं और सोचते हैं कि यह वहाँ तक ज़रूर वापस जाएगा, जबकि हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि शायद उसकी कीमत किसी solid reason से गिरी होंगी।
- Analyst Price Targets: जब कोई बड़ा Analyst किसी stock का एक Price Target देता है, तो वह नंबर हमारे दिमाग में एक anchor बन जाता है। इसके बाद हमारी उस stock के प्रति उम्मीदें उसी के आस-पास घूमने लगती हैं।
Anchoring Bias Investment के लिए Dangerous क्यों है?

यह Bias, Portfolio को कई तरह से नुकसान पहुँचा सकता है:
- Loss Book करने से रोकता है (Prevents Cutting Losses): अपने Purchase Price पर Anchor होने के कारण आप एक गिरते हुए stock को नहीं बेचते। आप सोचते हैं, “मैं नुकसान बुक नहीं करूँगा।” इस चक्कर में, एक छोटा सा नुकसान एक बहुत बड़ा नुकसान बन जाता है।
- गलत Buying Decisions करवाता है: सिर्फ़ इसलिए किसी stock को खरीदना कि वह अपने High से 50% नीचे है, एक गलत strategy है। सही decision हमेशा कंपनी की Current Intrinsic Value और Future Growth पर आधारित होना चाहिए।
- अच्छी Opportunities Miss करवाता है: एक stock जो ₹100 से बढ़कर ₹500 का हो गया है, वह आपको “महँगा” लग सकता है क्योंकि आप उसकी पुरानी कीमत पर Anchor हैं। यह भी हो सकता है, कि उस कंपनी के बिज़नेस में इतनी शानदार ग्रोथ हुई हो कि वह ₹500 पर भी एक अच्छा Investment हो।
Anchoring Bias के Trap से कैसे बचें? – How to Avoid the Trap?

इस mental trap से बचने के लिए एक disciplined approach अपनानी होगी:
- Business Value पर Focus करें, Stock Price पर नहीं: हमेशा ख़ुद से यह सवाल पूछें: “इस कंपनी की असली कीमत (Intrinsic Value) क्या है?” अपनी रिसर्च कंपनी के Fundamentals पर करें, न कि उसकी प्राइस हिस्ट्री पर।
- “Clean Slate” Approach अपनाएं: जब भी आप अपने Portfolio में किसी stock का Review करें, तो यह सोचें कि आपके पास वह stock नहीं है। अब ख़ुद से पूछें, “क्या मैं इस कंपनी को आज के Current Price पर ख़रीदूँगा?” यदि जवाब ‘नहीं‘ है, तो शायद उसे बेचने का समय आ गया है।
- Purchase Price को Ignore करें: अपने Portfolio को देखते समय, अपने Purchase Price को भूलने की कोशिश करें। हर stock का evaluation उसकी current position और future prospects के आधार पर करें।
Conclusion
Market में, “Price” वह है, जो आप Pay करते हैं, और “Value” वह है जो आपको मिलती है। Anchoring Bias के कारण लोग Price पर अटके रह जाते हैं और Value को भूल जाते हैं।
एक पुरानी कीमत, चाहे वह Purchase Price हो या स्टॉक का All-time High, भविष्य के लिए एक बेमतलब का डेटा पॉइंट है।
एक सफल Investor हमेशा आगे देखता है, पीछे नहीं। जब आप अपने फैसले current realities और solid analysis पर आधारित करते हैं, तभी आप Anchoring Bias के असर से बच पाते हैं।
People also ask :
यह एक mental shortcut है जिसमें हम किसी भी फैसले के लिए मिली पहली जानकारी (एंकर) पर बहुत ज़्यादा निर्भर हो जाते हैं। बाद की सारी जानकारी को हम उसी शुरुआती anchor से तौलते हैं, भले ही वह गलत क्यों न हो।
इसका सबसे आम उदाहरण है अपने खरीदे हुए प्राइस (Purchase Price) पर अटक जाना। अगर कोई स्टॉक गिर जाता है, तो investor उसे बेचने से बचता है क्योंकि वह अपने “Cost” के वापस आने का इंतज़ार करता रहता है।
यह investors को गिरते हुए स्टॉक्स में अपना लॉस बुक करने से रोकता है, जिससे छोटा नुकसान बड़ा बन जाता है।
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी स्टॉक की कीमत (Price) की जगह उसकी असली बिज़नेस वैल्यू (Intrinsic Value) पर फोकस करें। फैसला लेने से पहले हमेशा कंपनी के Fundamentals और Future Growth को देखें।
नहीं, यह हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में भी होता है। जैसे किसी प्रोडक्ट की पहली बताई गई कीमत (MRP) हमारे लिए एंकर बन जाती है और डिस्काउंट हमें बहुत आकर्षक लगने लगता है, भले ही वह discounted price भी ज़्यादा हो।