जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस क्या है?-What is Life Insurance in Hindi?

सबसे पहले लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance)”

यह कैम्पेन लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल(Life Insurance Council) ने देश में जीवन बीमा से सम्बंधित जागरूकता लाने के लिए लॉंच किया है। इसमें भारत की सभी जीवन बीमा कंपनियां भाग ले रही हैं। वैसे भी भारत में बहुत कम लोग जीवन बीमा करवाते हैं।

अगर परिवार के मुखिया की असमय मृत्यु हो जाती है तो घर का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता है। परिवार के मुख्य व्यक्ति की पत्नी/बच्चे/माता-पिता आदि को आर्थिक संकट से बचाने के लिए जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी लेना जरूरी है।

आज के दौर में जब शहरों में हर दूसरा व्यक्ति कर्ज लिए मकान में रहता है तो ऐसी अवस्था में इसकी आवश्यकता और भी बढ़ जाती है।

फाइनेंसियल प्लानिंग(Financial Planning) में सबसे पहले किसी व्यक्ति को जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) पॉलिसी खरीदने का सुझाव दिया जाता है।

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) मुख्य रूप से एक रिस्क मैनेजमेंट टूल(Risk Management Tool)  है जिसका  उदेश्य आपकी मृत्यु की स्थिति में आपके डेपेंडेंट्स को फाइनेंसियल प्रोटेक्शन(Financial Protection) प्रदान करना है।

आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे की जीवन बीमा क्या होता है?(What is Life Insurance in Hindi?) यह कितने प्रकार का होता है?(Types of Life Insurance) और यह कैसे जीवन में उपयोगी हैं ? और इसके क्या फायदे हैं?

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लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा क्या है? – What is Life Insurance in Hindi?

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जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) एक कॉन्ट्रैक्ट(Contract) है जो इंश्योरेंस कंपनी(Insurance Company) और इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति के बीच होता है। इसके अनुसार, अगर इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना या एक्सीडेंट(Accident) होती है, जिसमें उसकी मृत्यु या डेथ(Death) हो जाती है, तो इंश्योरेंस कंपनी(Insurance Company) उसके बेनेफिशरी(Beneficiary) या नॉमिनी(Nominee) (परिवार के सदस्य) व्यक्ति को एक सुनिश्चित राशि का भुगतान करती है।

इसके लिए इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति को सीमित समय के लिए एक छोटी राशि का प्रीमियम(Premium) के रूप में नियमित भुगतान करना पड़ता है।

यह जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी परिवार या प्रियजनों के लिए एक वित्तीय या फाइनेंसियल(Financial) सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) प्लान को समझने के लिए इसमें इस्तेमाल होने वाले शब्दों को जानना बहुत ज़रूरी है।

ये है  :-

1. लाइफ इन्सोर्ड – Life Insured

जिस व्यक्ति का जीवन सुरक्षित किया जाता है उसे लाइफ इन्सोर्ड(Life Insured) कहते हैं। लाइफ इन्सोर्ड(Life Insured) की डेथ(Death) होने पर बेनेफिशरी को बीमा धन मिलता है।

उदाहरण के लिए :- एक पति अपनी बीवी के लिए जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस( Life Insurance) लेता है तो वह इंश्योरेंस होल्डर(Insurance Holder) या पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) है और उसकी पत्नी लाइफ इन्सोर्ड (Life Insured)।

2. इंश्योरेंस होल्डर – Insurance Holder

जो व्यक्ति इंश्योरेंस (Insurance) खरीदता है और प्रीमियम (Premium) भरता है उसे इंश्योरेंस होल्डर (Insurance Holder) या पॉलिसी होल्डर (Policy Holder) कहते हैं। कोई व्यक्ति पालिसी का मालिक हो सकता है पर ज़रूरी नहीं उसका जीवन इन्सोर्ड (Insured) हो।

3. नॉमिनी – Nominee

पॉलिसी होल्डर (Policy Holder)  के द्वारा नामांकित (Nominated) किए गए व्यक्ति को नॉमिनी (Nominee) कहते हैं। 

किसी भी अनहोनी होने पर जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) का पे-आउट (Pay-Out) नॉमिनी (Nominee) को ही मिलता हैं। नॉमिनी (Nominee) को बेनेफिशरी (Beneficiary) या लाभार्थी भी कहा जाता है। 

पॉलिसी खरीदते समय ही नॉमिनी बना दिया जाता है। अधिकतर मामलों में पॉलिसी होल्डर के परिवारजन, जो उन पर फाइनेंसियल (Financial) रूप से डेपेंडेंड होते हैं जैसे :- उसका जीवन साथी, उनके बच्चे या उनके माता-पिता को ही नॉमिनी बनाया जाता है।

4. प्रीमियम – Premium

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) प्लान को जारी रखने के लिए दिया जाने वाला भुगतान प्रीमियम (Premium) कहलाता है। अगर आप तय तारीख पर प्रीमियम (Premium) नहीं दे पाते या ग्रेस पीरियड (Grace Period) के बाद भी प्रीमियम (Premium) का भुगतान नहीं करते, तो आपकी पॉलिसी समाप्त हो जाएगी।

5. पॉलिसी टेन्योर – Policy Tenure

जितनी अवधि के लिए जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) कवरेज देता है उसको पॉलिसी अवधि या पॉलिसी टर्म (Policy Term) या पॉलिसी टेन्योर (Policy Tenure) भी कहते हैं। पॉलिसी टेन्योर (Policy Tenure) जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) के प्रकार व इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) के नियम और शर्तों पर आधारित होता है।

6. सम अश्योर्ड – बीमा धन – Sum Assured

यह वह रकम होती है जो बेनेफिशरी (Beneficiary) या लाभार्थी या नॉमिनी (Nominee) को इन्सोर्ड (Insured) व्यक्ति के डेथ (Death) के बाद मिलती है। अधिकतर समय सम अश्योर्ड (Sum Assured) का चुनाव इन्सोर्ड (Insured) व्यक्ति की डेथ (Death) पर होने वाले फाइनेंसियल नुकसान को ध्यान में रखकर किया जाता है।  

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) प्लान खरीदते समय पॉलिसी होल्डर (Policy Holder) सम अश्योर्ड (Sum Assured) का चुनाव करता है जो नॉमिनी (Nominee) को इन्सोर्ड (Insured) व्यक्ति की पॉलिसी अवधि (Policy Term) में डेथ (Death) होने के बाद मिलता है।

7. मृत्यु लाभ- Death Benefit – डेथ बेनिफिट

पॉलिसी होल्डर की पॉलिसी अवधि के दौरान डेथ (Death) होने पर बेनेफिशरी या लाभार्थी को मिलने वाले भुगतान को मृत्यु लाभ या डेथ बेनिफिट (Death Benefit) कहते हैं। सम अश्योर्ड और डेथ बेनिफिट अलग अलग होते हैं। डेथ बेनिफिट, सम अश्योर्ड के बराबर या उससे अधिक हो सकता है क्योंकि उसमें राइडर बेनिफिट (Rider Benefit) भी होता है।

8. मेच्योरिटी बेनिफिट – Maturity Benefit

पॉलिसी टेन्योर (Policy Tenure) के समाप्त होने के बाद जो अमाउंट पॉलिसी होल्डर (Policy Holder) को दी जाती है, उसे मेच्योरिटी बेनिफिट (Maturity Benefit) कहते हैं।

9. लैप्सेड पॉलिसी – Lapsed Policy

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) में ग्रेस पीरियड (Grace Period) खत्म होने के बाद भी अगर प्रीमियम (Premium) नहीं भरा जाता तो वह पॉलिसी समाप्त हो जाती है और उसे लैप्सेड पॉलिसी (Lapsed Policy) कहते हैं।

10. ग्रेस पीरियड – Grace Period

प्रीमियम (Premium) देय (Due) डेट (Date) के समय को आगे बढ़ाते हुए इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिया गया अतिरिक्त समय ग्रेस पीरियड (Grace Period) कहलाता है। पॉलिसी होल्डर (Policy Holder) द्वारा प्रीमियम (Premium) दिए जाने के बाद प्लान का कवर जारी रहता है।

11. रिवाइवल पीरियड – Revival Period

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) में अगर ग्रेस पीरियड (Grace Period) के समय प्रीमियम नहीं भरा जाता तो पॉलिसी लैप्स (Lapse) हो जाती है। फिर से प्लान (Plan) या पॉलिसी (Policy) शुरू करने के लिए एक निश्चित समय तक ही मौका मिलता है, इसे ही रिवाइवल पीरियड (Revival Period) कहते हैं।

12. फ्री लुक पीरियड – Free Look Period

अगर आप पॉलिसी के नियम और शर्तों (Terms and Conditions) से संतुष्ट नहीं है तो एक निश्चित समय में पॉलिसी डाक्यूमेंट्स (Policy Documents) के अनुसार पॉलिसी वापस करी जा सकती है। इसे फ्री लुक पीरियड (Free Look Period) कहते हैं।

13. क्लेम प्रक्रिया – क्लेम प्रोसेस – Claim Process

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) में पॉलिसी टेन्योर (Policy Tenure) के दौरान इन्सोर्ड (Insures) व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी, डेथ बेनिफिट लेने के लिए क्लेम भरता है।  इसे ही क्लेम प्रक्रिया या क्लेम प्रोसेस (Claim Process) कहते है।

14. एक्सक्लूजन – Exclusion

एक जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) प्लान में बहुत सी ऐसी परिस्थितियां होती है जिसका इंश्योरेंस (Insurance) द्वारा कवरेज नहीं मिलता है।

15. कैपिटल प्रोटेक्शन – Capital Protection

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) पॉलिसी में इंश्योरेंस राशि बनी रहती है जब तक की प्रीमियम का नियमित रूप से भुगतान किया जाता है या जब तक की पॉलिसी इन्फोर्स (Inforce) रहती है।

16. मुद्रास्फीति सुरक्षा – इन्फ्लेशन प्रोटेक्शन – Inflation Protection

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) इन्फ्लेशन प्रोटेक्शन (Inflation Protection) नहीं देता है क्योंकि बीमा या इंश्योरेंस एक फिक्स्ड (Fixed) कवर और फिक्स्ड टेन्योर (Fixed Tenure) प्रोडक्ट है।

17. गारंटी – Guarantee

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) पॉलिसी में केवल बीमा राशि ही गारंटेड (Guaranted) होती है। कुछ पॉलिसीज न्यूनतम रिटर्न की गारंटी दे सकती हैं।

18. लोन -Loan

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) पॉलिसीस में एंडोमेंट और प्रॉफिट प्लान को लोन लेने के लिए गिरवी रखा जा सकता है।

19. लिक्विडिटी – Liquidity

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) पॉलिसीज (Policies) की लिक्विडिटी (Liquidity) पॉलिसीज के प्रकार पर डिपेंड करती है।

20. टैक्स इम्प्लीकेशन – Tax Implications

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) पॉलिसी में दिए गए प्रीमियम पर एक फाइनेंसियल वर्ष में 1.50 लाख रुपये की सीमा तक Section 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है। 

इसी तरह मैच्योरिटी या क्लेम अमाउंट पर इनकम टैक्स की Section 10(10)D के तहत छूट मिलती है।

21. निवेश उद्देश्य और जोखिम – इन्वेस्टमेंट ऑब्जेक्टिव और रिस्क – Investment Objective & Risks

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) का एकमात्र उद्देश्य सुरक्षा (Protection) है। कुछ जीवन बीमा पॉलिसी इन्वेस्टमेंट (Investment) की पेशकश भी करती हैं।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा किस के लिए सूटेबल है?- Life Insurance is Suitable for.

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस ( Life Insurance) उन लोगों के लिए सूटेबल है जिनके पास फाइनेंसियल डेपेंडेंट्स  हैं।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा किस के लिए सूटेबल नहीं है? – Life Insurance is not Suitable for.

जिनके पास फाइनेंसियल डेपेंडेंट्स नहीं होते है और भविष्य की वित्तीय जरूरतों पूरा करने के लिए पर्याप्त संचित धन होता है, उनके लिए जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस सूटेबल नहीं है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा का अल्टरनेटिव क्या है?- What is Alternative of Life Insurance ?

जीवन बीमा का कोई अल्टरनेटिव (Alternative) नहीं है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी क्यों खरीदनी चाहिए ?- Why Life Insurance Policy Should Buy ?

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जीवन बीमा पॉलिसी डिसेबिलिटी(Disability), डे (Death), एक्सीडेंट(Accident), रिटायरमेंट(Retirement)  जैसी परिस्थितियों के लिए फाइनेंसियल (Financial) कवर के रूप में एक बहुत ही जरूरी चीज है। 

हमारी जिंदगी में कई रिस्क(Risk) है और जब एक्सीडेंट या प्राकृतिक कारणों से किसी व्यक्ति को कोई नुकसान होता है या उसे आंशिक या पूर्ण  स्थाई अपंगता हो जाती है तो उसकी रेगुलर इनकम पर बहुत असर पड़ता है। अगर, वह व्यक्ति अकेला कमाने वाला हो तो परिवार पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है।

इसलिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर यह सुनिश्चित हो जाएगा कि आपका परिवार आपके बाद आसानी से जीवन व्यतीत कर पायेगा।

अतः लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा खरीदना जरूरी है क्योंकी :

  • पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) की मृत्यु होने पर लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा से परिवार को फाइनेंसियल सहारा मिलता है।
  • इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति की अनुपस्थिति में लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा बच्चों की फाइनेंसियल और एजुकेशनल जरूरतों को पूरा करती है।
  • इससे रिटायरमेंट के बाद भी एक रेगुलर इनकम आती रहती है।
  • किसी विकट क्रिटिकल इलनेस(Critical Illness) या एक्सीडेंट होने पर इनकम कम हो जाती है तो लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा से अतिरिक्त इनकम मिलती रहती है।
  • लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा फाइनेंसियल इमरजेंसी और जीवन शैली की जरूरतों को भी पूरा करता है।

इसलिए लाइफ इंश्योरेंस प्लान उनके लिए बहुत जरूरी है जो अपने परिवार का सहारा है और अपने परिवार में अकेले कमाने वाले हैं।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिस के क्या लाभ है? – What is the Benefit of Life Insurance Police?

ऐसे कई लाभ हैं जो पॉलिसी होल्डर्स को लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रदान करती हैं। आइए सबसे महत्वपूर्ण लाभों पर एक नज़र डालते है :-

वित्तीय सहायता – फाइनेंसियल हेल्प – डेथ बेनिफिट :-

किसी व्यक्ति को अपने खर्चों को कवर करने, लोन(Loan) चुकाने, इनकम को बनाये रखने और बच्चों की एजुकेशन के लिए इंश्योरेंस की आवश्यकता होती है।

डेथ(Death) या मृत्यु एक सत्य है, ये सभी जानते है, लेकिन क्या होता है जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है ? 

उसकी अनुपस्तिथि में उसके परिवार को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है? ऐसे समय मे लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा सहायक के रूप में काम करता है और उनकी ज़रूरतो को पूरा करने में योगदान करता है।

एक्सीडेंट कवर – Accident Cover :-

किसी भी व्यक्ति को एक्सीडेंट का सामना करना पड़ सकता है जिसमें उसके साथ कुछ अनिष्ठ हो सकता है। एक्सीडेंट के बाद अपने आप को ठीक करने की लागत बहुत बड़ी है। लेकिन सौभाग्य से जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पालिसी ऐसा करने में सक्षम होती है।

सुनिश्चित आय – Ensure Income :-

रिटायरमेंट(Retirement) की कुछ योजनाएं ऐसी है, जो धन की बचत करने में लाभकारी सिद्ध होती है। आप निश्चित समय के अंदर पैसों की बचत करते जाते है जो बाद में आपको एक रेगुलर इनकम के रूप में वापस मिलता है। ये रिटायरमेंट के समय एक निश्चित आय का काम करती है।

लोन की सुविधा – Loan Facility :-

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) का बेनिफिट उठाने वाले लोगों के पास अपने इंश्योरेंस पॉलिसी के माध्यम से लोन(Loan) अथवा ऋण का लाभ उठाने का विकल्प भी मिलता है। जो उनके द्वारा खरीदी गई पॉलिसी पर सुनिश्चित बेनिफिट्स को कम किये बिना ही उनके जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद कर सकता है।

टैक्स बेनिफिट – Tax Benefit :-

किसी जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी का प्रीमियम(Premium) देने पर पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) को इनकम टैक्स एक्ट(Income Tax Act) 1961 की सेक्शन 80C  के तहत टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। अपने जीवनसाथी, बच्चों या अपने आश्रितों का प्रीमियम (Premium) भरने पर भी यह लाभ मिलता है। 

यह लाभ सभी जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा दिया जाता है, भले ही वह पब्लिक हो या प्राइवेट

इसके अलावा पॉलिसी की मच्योरिटी बेनिफिट(Maturity Benefit) भी इनकम टैक्स एक्ट1961 की सेक्शन 10(10)D के तहत टैक्स फ्री होता है।

इस प्रकार से लाइफ इंश्योरेंस आकर्षक टैक्स बेनिफिट(Tax Benefit) प्रदान करता है और धन की एक बड़ी राशि बनाने में मदद करता है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी कितने प्रकार की होती है?- How Many Types of Life Insurance Policy?

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसीज निम्न प्रकार से है :-

टर्म इंश्योरेंस प्लान – Term Insurance Plan

यह जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी सुरक्षा(Protection) श्रेणी में आती है क्योंकि यह केवल वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है।

असल में, यह मृत्यु के जोखिम को कवर करती है। यह सस्ता प्लान है जिसे आसानी से खरीदा जा सकता है।

इस प्लान में, इंश्योरेंस होल्डर(Insurance Holder) की मृत्यु के पश्चयात पॉलिसी बॉन्ड(Policy Bond) में बताए गए बेनेफिशरी या नॉमिनी व्यक्ति को इंश्योरेंस(Insurance) राशि दी जाती है।

होल लाइफ इंश्योरेंस प्लान – Whole Life Insurance Plan

होल लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी पूरे जीवन के लिए प्रोटेक्शन(Protection) प्रदान करती है।

इस तरह की योजनाओं में, आम तौर पर इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति को निर्दिष्ट समय तक प्रीमियम(Premium) राशि का भुगतान करने का ऑप्शन दिया जाता है। जिसे मैच्योरिटी पीरियड(Maturity Period) के रूप में भी जाना जाता है।

यदि बीमित या इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति मैच्योरिटी(Maturity) तक पहुंचता है, तो उसे इंश्योरेंस राशि और बोनस दे दिया जाता है व  इसके बाद बिना प्रीमियम(Premium) का भुगतान किए डेथ या मृत्यु तक या 100 वर्ष की उम्र तक लाइफ कवर(Life Cover) रहता है।

एंडोमेंट पॉलिसी – Endoment Policy

एंडोमेंट(Endoment) प्लान को ट्रेडिशनल(Traditional) जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) प्लान भी कहा जाता है।  यह निवेश या इन्वेस्ट(Invest) और डेथ(Death) या मृत्यु दोनों तरह के बेनिफिट के साथ इंश्योरेंस राशि का भुगतान करती हैं। 

इसमें निवेश या इन्वेस्ट(Invest) की तुलना में रिस्क(Risk) कम होता है, इसलिए इसका रिटर्न(Return) भी कम होता है।

चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी – Child Insurance Policy

ये योजनाएं बच्चे के भविष्य की ज़रूरतों को वित्तीय(Financial) कवरेज प्रदान करता है। एक चाइल्ड(Child) प्लान में आप अपने बच्चे की शिक्षा और शादी के लिए पैसा जोड़ सकते हैं।

अधिकतर प्लान में बेनिफिट्स या तो वार्षिक रूप में मिलते हैं या बच्चे के 18 वर्ष के होने पर एक बार में ही मिल जाते हैं।

कोई अनहोनी होने पर या पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) की पॉलिसी टेन्योर(Policy Tenure) के दौरान मृत्यु या डेथ(Death) होने पर इंश्योरेंस होल्डर(Insurance Holder) द्वारा प्रीमियम(Premium) दिया जाता है।

ऐसी परिस्थिति में कई बीमा या इंश्योरेंस कंपनियां आने वाले प्रीमियम पर छूट दे देती है और प्लान पॉलिसी टेन्योर(Policy Tenure) तक चलता रहता है।

असल में, एक चाइल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी(Child Insurance Policy) यह सुनिश्चित करती है कि आपकी अनुपस्थिति में भी बच्चे की भविष्य की फाइनेंसियल जरूरतों का ध्यान रखा जाए।

पेंशन प्लान या रिटायरमेंट प्लान – Pension Plan or Retirement Plan

एक रिटायरमेंट(Retirement) प्लान को एन्युटी(Annuty) प्लान या पेंशन(Pension) प्लान भी कहते हैं, जिसे व्यक्ति अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन को सुरक्षित रखने और पैसा इकट्ठा करने के लिए लेता है।

पेंशन प्लान(Pension Plan) मूल रूप से एक निवेश(Investment) या बचत(Saving) टूल(Tool) है, जो भविष्य की रिटायरमेंट आवश्यकताओं को पूरा करती है।

इनवेस्टमेंट प्लान – Investment Plan

यह जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी सेविंग(Saving) करने और इंश्योरेंस सुरक्षा (Insurance Protection) प्राप्त करने में मदद करती है।

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान(यूलिप) – Unit Linked Insurance Plan(ULIP)

यूलिप(Ulip) मूल रूप से एक वित्तीय उपकरण(Financial Tool) है, जो बीमा या इंश्योरेंस(Insurance) कवर प्रदान करने के साथ साथ धन निर्माण(Wealth Creation) में भी सहायक है।

जिनके पास शेयर बाजार(Share Market) के बारे में अच्छा ज्ञान है, वे इसे आसानी से समझ सकते हैं। इसमें आजीवन निवेश(Life-time investment) और वैल्युएबल निवेश(Valuable Investment) का मौका मिलता है।

यूलिप(ULIP) के लिए दिया गया प्रीमियम(Premium) का एक पार्ट लाइफ कवरेज प्लान के लिए रिस्क कवर(Risk Cover) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और बकाया राशि को डेट(Debt), इक्विटी(Equity), बॉन्ड(Bond), मार्केट फंड(Market Fund), हाइब्रिड फंड(Hybrid Fund) आदि में निवेश या इन्वेस्ट(Invest) कर दी जाती है। 

यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) पैसों को निवेश या इन्वेस्ट(Invest) करने का सबसे अच्छा तरीका चुनने के लिए आपको पूर्ण अधिकार प्रदान करता है। इसी आधार पर बीमा या इंश्योरेंस कंपनी कैपिटल मार्केट(Capital Market) में निवेश या इन्वेस्ट करती है।

मनी बैक प्लान – Money Back Plan

इसके नाम के अनुसार इसमें लाइफ कवरेज के साथ कुछ धन वापस(Money Back) मिल जाता है। यह पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) को पहले से ही निर्धारित किये’हुए समय पर मिलता है। 

इस लाभ को सर्वाइवल बेनिफिट(Survival Benefit) भी कहते हैं। इसमें मृत्यु या डेथ(Death) होने पर पूर्ण इश्योरेंस राशि का भुगतान किया जाता है।

मनी बैक(Money Back) पॉलिसी उन लोगों के लिए सबसे बेहतरीन है जो लिक्विडिटी(Liquidity) के साथ इन्वेस्ट(Invest) करना चाहते हैं। साथ ही इन प्लान में बीमा या इश्योरेंस कंपनी द्वारा बोनस(Bonus) भी दिया जाता है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा में राइडर क्या होते है?-What is Rider in Life Insurance?

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) में राइडर(Rider) पॉलिसी से जुड़ा हुआ अतिरिक्त बेनिफिट होता है। ये आमतौर पर बेसिक सम अश्योर्ड(Basic Sum Assured) के बराबर होता है और इनकी टर्म्स एंड कंडीशंस(Terms and Conditions) अलग होती है।  

सीधे शब्दो में कहे तो राइडर गुणात्मक और मात्रात्मक(Qualitative and Quantitative) रूप से बीमा या इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने की अनुमति देते हैं।

मुख्य राइडर है :-

गंभीर बीमारी – क्रिटिकल इलनेस – Critical Illness :-

एक जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी में जोड़ा गया क्रिटिकल इलनेस राइडर(Critical illness Rider) बीमित या इन्सोर्ड(Insured) व्यक्ति को एक अतिरिक्त कवर प्रदान करता है जिसका भुगतान गंभीर बीमारी के निदान पर किया जाता है।

क्रिटिकल इलनेस(Critical illness) राइडर(Rider) में कवर होने वाली मुख्य गंभीर बीमारीयों में शामिल है  :- कैंसर (Cancer), कोरोनरी आर्टरी बाईपास(Coronary Artery Bypass), किडनी(Kidney) या रीनल फेलियर(Renal Failure) , मेजर ऑर्गन ट्रांसप्लांट(Major Organ Transplant), पेरेलैटिक स्ट्रोक(Paralytic Stroke) आदि।

हॉस्पिटल कैश राइडर – Hospital Cash Rider :-

इस राइडर(Rider) का बेनिफिट बीमा या इश्योरेंस कंपनियों द्वारा उन पॉलिसीहोल्डर(Policy Holder) को दिया जाता है जो इमरजेंसी हॉस्पिटल भर्ती खर्चे का कवर चाहते हैं। इसके अंतर्गत एक निश्चित राशि भुगतान किया जाता है।

सर्जिकल राइडर – Surgical Rider :-

यह एक लाभकारी राइडर(Rider) है जो 43 तरह के मेडिकल उपचार की सर्जरी के लिए फाइनेंसियल कवरेज प्रदान करके बीमित या इन्सोर्ड व्यक्ति की सहायता करता है।

परमानेंट टोटल डिसेबिलिटी या एक्सीडेंटल डेथ राइडर– Paramanent Total Disability or Accidental Death Rider :-

इस राइडर(Rider) की मदद से, परमानेंट टोटल डिसेबिलिटी के मामले में या एक्सीडेंटल डेथ  के मामले में पॉलिसीहोल्डर(Policy Holder) को अतिरिक्त राशि का आश्वासन दिया जाता है।

प्रीमियम वेवर राइडर – Premium Waiver Rider :-

इस राइडर का लाभ तब मिलता है जब पॉलिसीहोल्डर(Policy Holder) एक्सीडेंट या क्रिटिकल इलनेस के कारण फाइनेंसियल रूप से नॉन प्रोडक्टिव बन जाता है और कमाई करने में असमर्थ होता है।

इस राइडर में बीमा या इश्योरेंस(Insurance) कंपनी(Company) मैच्योरिटी के समय तक प्रीमियम(Premium) का भुगतान करने की पूरी ज़िम्मेदारी लेती है और मैच्योरिटी पर इन्सोर्ड राशि इश्योरेंस होल्डर(Insurance Holder) को दे दी जाती है।

लेवल टर्म राइडर – Level Term Rider :-

टर्म राइडर(Term Rider) पॉलिसीहोल्डर(Policy Holder) की मृत्यु या डेथ(Death) की स्थिति में बेनिफिसरी को एक निश्चित या मासिक इनकम का भुगतान करता है।

यह राइडर तब उपयोगी होता है जब आपके पास अतिरिक्त जिम्मेदारियां या फाइनेंसियल लिएबिलिटीज़ होती हैं।

गारंटीड इश्योरेंबिलिटी ऑप्शन – Guaranteed Insurability Option

यह राइडर बिना मेडिकल एग्जामिनेशन के भविष्य में अतिरिक्त बीमा या इश्योरेंस(Insurance) खरीदने का अधिकार देता है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा प्रीमियम क्या होता है?- What is Life Insurance Premium?

जीवन बीमा या लाइफ इश्योरेंस(Life Insurance) प्रीमियम(Premium) वह भुगतान होता है जो बीमा या इश्योरेंस बेनिफिट लेने के लिए देना पड़ता है। 

लाइफ इश्योरेंस प्रीमियम वार्षिक रूप से दिया जाता है हालांकि यह अर्धवार्षिक और मासिक रूप से भी दिया जा सकता है। 

बीमा या इश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) पॉलिसी होल्डर(Policy Holder) द्वारा दिया जाने वाले प्रीमियम(Premium) को निश्चित करती है। सम अश्योर्ड चुनने के लिए इश्योरेंस कंपनी आपकी जीवनशैली(Life Style), कार्य(Work) or Profession), आपके आश्रित(Dependents), फाइनेंस(Financial Strength), इन्सोर्डवैल्यू(Insured Value) को ध्यान में रखती  है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी कहां से खरीदें? – Where to Buy Life Insurance Policy?

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) विभिन्न सेल्स पॉइंट्स से खरीदा जा सकता है, जैसे कि :-

  • लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा एजेंट द्वारा,
  • बैंक द्वारा,
  • कॉर्पोरेट एजेंट द्वारा,
  • कई इंश्योरेंस कम्पनीज का प्रतिनिधित्व करने वाले ब्रोकर द्वारा,
  • सीधे इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट से, ऑनलाइन,
  • टेलीमार्केटिंग द्वारा,
  • रिटेल स्टोर और मॉल द्वारा,
  • बैंकिंग प्रोडक्ट्स के साथ उपलब्ध कराई गई पॉलिसीज
  • ग्रामीण एरिया के लिए एनजीओ(NGO) या सेल्फ हेल्प ग्रुप्स द्वारा, और
  • थर्ड पार्टी की वेबसाइटों के माध्यम से इंटरनेट सेल्स।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी को ऑनलाइन कैसे खरीदें?-How to Buy Life Insurance Policy Online?

ऑनलाइन बीमा या इंश्योरेंस खरीदना काफी फायदेमंद रहता है क्योकि इनकी कीमत अन्य सेल्स चैनल के मुकाबले कम होने के कारण सस्ता होता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट से डायरेक्ट बिमा या इंश्योरेंस(Insurance) खरीदा जा सकता है। इसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ब्रोकर पोर्टल की भी मदद ली जा सकती है।

तथापि, कुछ मामलों में, पूरा प्रोसेस ऑनलाइन नहीं होता है , विभिन्न प्रकार के ओब्लिगेशंस होने के कारन फिजिकल इंटरवेंशन की आवश्यकता होती है जैसी की –फॉर्म पर सिग्नेचर और हेल्थ चेक-अप

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स – Documents required for Life Insurance Policy

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यदि आपने जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी खरीदने का फैसला किया है, तो कुछ डाक्यूमेंट्स की आवश्यकता होती है। जैसे कि :-

ऐज प्रूफ – Age Proof :-

निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स ऐज प्रूफ की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं :

  • ड्राइविंग लाइसेंस,
  • 10th या 12th की मार्कशीट,
  • बर्थ सर्टिफिकेट,
  • पासपोर्ट,
  • पैन कार्ड,
  • आधार कार्ड आदि।

ऐड्रेस प्रूफ – Address Proof

निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स एड्रेस प्रूफ की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं :

  • बिजली बिल,
  • टेलीफोन बिल,
  • राशन कार्ड,
  • ड्राइविंग लाइसेंस,
  • पासपोर्ट,
  • आधार कार्ड और
  • वोटर आईडी, आदि।

आइडेंटिटी प्रूफ – Identity Proof

निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स आइडेंटिटी प्रूफ की तरह इस्तेमाल किए जाते हैं :

  • पैन कार्ड,
  • पासपोर्ट,
  • ड्राइविंग लाइसेंस,
  • वोटर आईडी,
  • आधार कार्ड आदि।

इनकम प्रूफ – Income Proof

हाई इंश्योरेंस कवर(High Insurance Cover) निर्धारित करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी को इनकम प्रूफ की आवश्यकता होती है। यह है  :-

  • 3 से 6 महीने की सैलरी स्लिप्स
  • 2 से 3 वर्ष पुराने इनकम टैक्स रिटर्न
  • पिछले 6 महीने के बैंक स्टेटमेंट
  • बिज़नेस ओनरशिप प्रूफ
  • लेटेस्ट फार्म 16

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी को कैसे मैनेज करें?-How to Manage Life Insurance Policy?

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी(Policy) में प्रीमियम(Premium) का भुगतान नकद या चेक या इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जा सकता है।

एक इंश्योरेंस या बीमा पॉलिसी(Policy) सर्टिफिकेट(Certificate) को नाम(Name), प्रीमियम(Premium), पॉलिसी टेन्योर(Policy Tenure) और टर्म्स एंड कंडीशंस(Terms & Conditions) की डिटेल के साथ इशू किया जाता है।

सबसे बढ़िया लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी कैसे चुने?-How to Choose the Best Life Insurance Policy?

एक अच्छे कवरेज और प्रीमियम के साथ एक इंश्योरेंस प्लान को चुनना बहुत ही मुश्किल काम हो सकता है।

निम्न प्रकार से एक अच्छी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी चुन सकते हैं :

इंश्योरेंस कंपनी की प्रतिष्ठा :- बाजार में उपलब्ध इंश्योरेंस कम्पनीओ में से एक ऐसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का चुनाव करें जो पुरानी हो और जिसने बाजार में अपना नाम कमाया हो और जो आपकी जरूरतों को पूरा करता हो।

क्लेम सेटेलमेंट रेशों :- जिस इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम सेटेलमेंट रेशों सबसे अच्छा हो वही सबसे अच्छी पसंद है।

सम असोर्ड का आकलन :- सर्वश्रेष्ठ कंपनी चुनने के लिए आप अपना सम असोर्ड और प्रीमियम दोनों को जोड़कर फैसला लें।

कस्टमर रिव्यू :- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले ऑनलाइन कस्टमर रिव्यू(Online Customer Review) जरूर पढ़ना चाइए । यह रिव्यू पढ़ने से फैसला लेने में मदद मिलती है। इससे कंपनी के कस्टमर(Customer) के साथ रिश्तो के बारे में भी पता चलता है।

सबसे बढ़िया लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा प्लान कौन सा है?- Which is the Best Life Insurance Plan?

एक अच्छे लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा प्लान का मतलब है कि किसी इमरजेंसी होने पर आपके परिवार-जन अपना जीवन आसानी से व्यतीत कर सकते हैं। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के लिए पॉलिसी में दिए गए लाभों को ध्यान से देख कर चुनना चाइए।

  • कंप्रिहेंसिव प्लान(Compressive Plan) : यह सिर्फ फाइनेंसियल सहारा नहीं बल्कि एक लंबे समय का इन्वेस्टमेंट ऑप्शंस भी देता हो।
  • गारंटीड एन्युटी(Guaranteed Annuity) : एक इंश्योरेंस प्लान आपको रिटायरमेंट के लिए भी बचत करने का मौका देता है।
  • सेविंग के साथ इंश्योरेंस(Insurance with Saving) : लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा लेने पर समय-समय पर प्रीमियम देना पड़ता है। इससे पॉलिसी होल्डर को सेविंग करने की आदत पड़ती है। इससे एक रकम इकट्ठा होती है जो जरूरत पड़ने पर काम आ सकती है।
  • लोन का प्रावधान(Provision for Loan) : लाइफ इंश्योरेंस प्लान पर लोन भी ले सकते हैं जिससे आपके खर्चे भी पूरे होंगे और प्लान के बेनिफिट को भी कोई हानि नहीं होगी।
  • टैक्स बेनिफिट(Tax Benefit) : लाइफ इंश्योरेंस प्लान से टैक्स में भी छूट मिलती है जिससे सेविंग होती है। सभी  लाइफ इंश्योरेंस प्लान में टैक्स छूट मिलती है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी के लिए क्लेम कैसे करें?-How to Claim for Life Insurance Policy?

पोलिसी होल्डर की मृत्यु या डेथ(Death) होने पर नामिनी या बेनिफिशरी  निम्नलिखित तरीके से क्लेम कर सकते है :

  • समय, स्थान और मृत्यु या डेथ(Death) के कारण जैसे महत्वपूर्ण डिटेल्स  के साथ जितनी जल्दी हो सके इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें।
  • इंश्योरेंस कंपनी को आवश्यक डाक्यूमेंट्स और सर्टिफिकेट्स प्रस्तुत करें। इसमें इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिए जाने वाला  क्लेम फॉर्म और इन्सोर्ड व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट शामिल है।
  • यदि आवश्यक हो, पोस्टमार्टम, हॉस्पिटल और डॉक्टर की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने की आवश्यकता पड़ती है।
  • एक बार इन्वेस्टीगेशन पूरी हो जाने के बाद, इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को अप्रूव / डिसअप्रूव कर सकती है।

बेस्ट लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा कंपनियां -Top & Best Life Insurance Companies

ये निम्न है :-

  1. एलआईसी इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC Insurance Corporation Of India)
  2. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस (ICICI Prudential Life Insurance)
  3. एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance)
  4. एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Standard Life Insurance)
  5. मैक्स लाइफ इंश्योरेंस (Max Life Insurance)
  6. रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस (Reliance Nippon Life Insurance)
  7. टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस (TATA AIA Life Insurance)
  8. पीएनबी मेटलाइफ इंडिया इंश्योरेंस (PNB MetLife India Insurance)
  9. भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी (Bharti AXA life Insurance company)
  10. आदित्य बिड़ला सन लाइफ (Aditya Birla sun life)

सारांश

बीमा या इंश्योरेंस भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है। हमें नहीं पता कि कल क्या होगा…? इसलिए हम लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) या जीवन बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में संभावित नुकसान की भरपाई की कोशिश करते हैं।

उम्मीद करते है आपको इस आर्टिकल के माध्यम से जीवन बीमा के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला होगा।

People Also Ask :-

जीवन बीमा का मतलब होता है?-What is Life Insurance?

यह एक प्रकार का कॉन्ट्रैक्ट होता है जो जीवन बीमा धारक और जीवन बीमा प्रदाता के बीच होता है।

जीवन बीमा क्यों जरूरी है?- Why Life Insurance is Important ?

सही समय से शुरू किया जीवन बीमा आपके बच्चों, परिवार के सदस्यों की वित्तीय समस्या, बच्चों की पढाई, कालेज,अन्य शिक्षा और आवासीय भुगतान में मदद प्रदान करता है।

क्या जीवन बीमा करने से कोई कर लाभ मिलता है?- Is there any tax benefit from Life Insurance?

जीवन बीमा प्रीमियम के लिए आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 C के तहत 1.5 लाख तक की कर कटौती तक का लाभ उठा सकते हैं!

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है?

एंडोमेंट प्लान एक ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस (Life insurance) पॉलिसी है जो इंश्योरेंस और सेविंग (Saving) का मिश्रण है।

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की प्रक्रिया क्या है? – What is the process of Life Insurance Policy?

एक लाइफ इंश्योरेंस प्लान इन्सोर्ड व्यक्ति और इंश्योरेंस कंपनी के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें इंश्योरेंस कंपनी बेनिफिसरी को किसी अनहोनी होने पर या इन्सोर्ड व्यक्ति की इंश्योरेंस प्लान की अवधि में डेथ  होने पर एक निश्चित रकम देती है। इसके बदले में पॉलिसी होल्डर एक तय रकम प्रीमियम के रूप में देने का वादा करता है।

इंश्योरेंस कितने प्रकार के होते हैं?- How Many Types are Insurance?

इंश्योरेंस के प्रकार :-
1. लाइफ  इंश्योरेंस
2. ऑटो इंश्योरेंस
3. हेल्थ  इंश्योरेंस
4. ट्रेवल  इंश्योरेंस
5. होम  इंश्योरेंस

जीवन बीमा कॉन्ट्रैक्ट क्या होता है?

जीवन बीमा एक तरह का लिखित वादा है जो बीमा व्यक्ति और बीमा प्रदाता के बीच किया जाता है।

एक व्यक्ति कितने की पॉलिसी ले सकता है?

यदि व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये वार्षिक से कम है, तो उस व्यक्ति को उसकी वार्षिक आय का 15 गुना तक इंश्योरेंस मिल सकता है। वहीं यदि व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये वार्षिक से अधिक है, तो उस व्यक्ति को 20 गुना तक इंश्योरेंस मिल सकता है।

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा का क्या महत्व है?- What is the Important of Life Insurance?

लाइफ इंश्योरेंस से मन को शांति मिलती है ताकि डेथ के बाद भी परिवार को आर्थिक मंदी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बीमा या इंश्योरेंस का अर्थ क्या है?

बीमा या इंश्योरेंस भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का प्रभावी हथियार है।

जीवन बीमा पॉलिसी क्यों खरीदें?

लाइफ इंश्योरेंस या जीवन बीमा पॉलिसी किसी भी कठिन समय में, पॉलिसीहोल्डर के परिवार की मदद करता है।

लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कब खरीदनी चाहिए?

किसी भी क्षण जब आपको लगता है कि आपका परिवार या प्रियजन अपनी जरूरतों के लिए आप पर निर्भर हैं, बिना समय बिताये लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) या जीवन बीमा पॉलिसी खरीदनी चाहिए।

भारत में सर्वश्रेष्ठ जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) पॉलिसी कैसे खरीदें?

जब आप युवा हों तब अपनी आवश्यकताओं के बारे में सोचें और उन पर एक नोट बनाते हुए, सबसे अच्छी पॉलिसी चुनें।

मुझे कितने जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) की आवश्यकता है?

जब आप युवा होते हैं, तो जरूरतें सीमित होती हैं लेकिन जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती हैं, आपके पास अधिक जिम्मेदारी और अधिक लोग आप के साथ जुड़ जाते हैं तो, आपको अपनी भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सबसे अच्छा विकल्प चुनना चाहिए।

क्या वृद्ध लोग जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) खरीद सकते हैं?

ज़रूर खरीद सकते है, जो 60 वर्ष की आयु से ऊपर हैं, वे जीवन बीमा भी खरीद सकते हैं।

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) कराने के लिए अधिकतम उम्र क्या है?

लाइफ इंश्योरेंस कराने की उम्र सीमा कंपनी द्वारा तय की जाती है इसलिए कोई एक उम्र नहीं है। सामान्यतया यह उम्र सीमा 75 से 80 वर्ष के बीच होती है।

जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) का औसत पेआउट कितना होता है?

औसत पेआउट प्रीमियम, नियम, शर्त ,उम्र, लिंग और काम पर आधारित होता है।

विभिन्न प्रकार की जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) क्या है?

भारत में सबसे मशहूर जीवन बीमा पॉलिसी इस प्रकार है : –
1. टर्म जीवन बीमा,
2. एंडोमेंट प्लान,
3. यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान,
4. मनी बैक पॉलिसी,
5. चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान,और
6. एन्युटी प्लान।

क्या मुझे जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) और विकट बीमारी कवर दोनों चाहिए?

यह आपकी बीमा की जरूरतों पर निर्भर करता है।

मृत्यु या डेथ(Death) के बाद जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस(Life Insurance) क्लेम कौन कर सकता है?

पॉलिसी होल्डर की मृत्यु या डेथ के बाद उसका नॉमिनी या कानूनी बेनेफिशरी जीवन बीमा का क्लेम कर सकता है।

7 thoughts on “जीवन बीमा या लाइफ इंश्योरेंस क्या है?-What is Life Insurance in Hindi?”

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